बलिया। फ्रांस से आ रहे 5 लड़ाकू राफेल विमानों के दल में बलिया का भी एक जांबाज विंग कमांडर शामिल है। मनीष के राफेल उड़ाकर भारत लाए जाने से बकवा गांव में खुशी की लहर है। उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर बसी बागी धरती बलिया के रणबांकुरों ने आजादी की लड़ाई में बहुत ही निर्णायक भूमिका निभाई थी। इसी धरती के लाल विंग कमांडर मनीष सिंह ने चर्चित लड़ाकू विमान राफेल को लेकर फ्रांस से उड़ान भरी। बलिया जनपद के बांसडीह तहसील के छोटे से गांव बकवां के लाल मनीष सिंह का परिवार फौजी रहा है। और इनके पिता मदन सिंह स्वयं थल सेना से अवकाश प्राप्त जवान हैं। विंग कमांडर मनीष सिंह देश के उन नामचीन पायलटों में शुमार हो गए हैं, जिन्होंने फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल को लेकर भारत के लिए उड़ान भरी हैं। आपको बता दें की फिलहाल राफेल दुबई पहुंच चुका हैं। बुधवार यानि 29 जुलाई को राफेल भारत की सरजमीं पर उतरेगा। मनीष के छोटे भाई अनीश सिंह ने बताया कि भैया आज यानी मंगलवार को अबुधाबी में थे तो उनसे हम लोगों ने कुशलक्षेम जानने के लिए बात की थी। उन्होंने बताया कि आज वो अबुधाबी से भारत के लिए उड़ने वाले हैं। अनीश ने बताया कि सैनिक स्कूल कुंजपुरा हरियाणा से शिक्षा लेने के बाद वायुसेना में मनीष का चयन NDA के जरिये हुआ था।
मनीष वर्ष-2002 में Indian Airforce में पायलट हुए। अंबाला व जामनगर के बाद दो वर्ष पूर्व सन् 2017-2018 में इनकी तैनाती गोरखपुर में थी। फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल की डील के बाद मनीष को प्रशिक्षण के लिए सरकार ने फ्रांस भेजा। इनके साथ अन्य विंग कमांडर भी रहे। छोटे भाई अनीस ने बतया कि भइया को छह माह के प्रशिक्षण के लिए फ्रांस भेजा गया था किंतु कोरोना संक्रमण के बाद लॉकडाउन होने से तीन महीने और वहां रूकना पड़ा। विंग कमांडर मनीष का विवाह वर्ष 2014 में लखनऊ की कंप्यूटर इंजीनियर वृत्तिका सिंह से हुआ था। इन्हें एक पुत्र काविन सिंह (7वर्ष) भी हैं। फ्रांस से रवानगी से पूर्व मनीष ने अपने पिता मदन सिंह को बताया कि वह शीघ्र ही राफेल लेकर भारत के लिए उड़ान भरने वाले हैं। पिता फौजी मदन सिंह व मां उर्मिला देवी ने कहा कि निश्चित रूप से बेटे की उपलब्धि न सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। पिता ने कहा कि देश की सेवा में मेरे बाद मेरा बेटा डटा हुआ है। यह सोचकर सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। वहीं छोटी बहनें प्रियंका व अंकिता भी बड़े भाई की उपलब्धि पर काफी खुश नजर आईं।
फौजी मदन सिंह के पुत्र मनीष सिंह अपने भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। गांव की गलियों से निकल कर ङ्क्षवग कमांडर तक पहुंचे मनीष की आरम्भिक शिक्षा गांव के एक निजी स्कूल नूतन शिक्षा निकतन में हुई। छठवीं कक्षा तक गांव में पढ़ाई करने के बाद उनकी उच्च शिक्षा करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल से हुई, जहां इनके पिता सेना में सेवारत रहे। मनीष के गांव बकवां में खुशी का माहौल है। गांव के युवा मनीष को अपना प्रेरणास्त्रोत बता रहे हैं। लड़ाकू विमान राफेल लेकर मनीष के स्वदेश लौटने की सूचना मिलने के बाद गांव के उत्साही युवकों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया।