दिल्ली हिंसा की सुनवाई कर रहे दिल्ली हाई कोर्ट के जज एस मुरलीधर का 26 फरवरी 2020 को तबादला कर दिया गया । एस मुरलीधर दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे थे और उन्होंने दिल्ली पुलिस के बडे अधिकारियों की जमकर क्लास लगायी थी। जस्टिस मुरलीधर ने पुलिस के रवैये पर ऐतराज जताया था और कहा था कि भडकाउ भाषण देने वालों के खिलाफ अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई। बताते चले कि अब दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ को सौंप दी गयी हैं। अब वही इस मामले की सुनवायी करेगें। जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट मे कर दिया गया हैं। इसकी सूचना राष्ट्रपति भवन से जारी कर दी गयी हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविन्द बोबडे के साथ विचार विमर्श करने के बाद ये फैसला लिया । जस्टिस एस मुरलीधर को अपने कार्यालय का कार्यभार सम्भालने का भी निर्देश जारी किया जा चुका हैं।
- दिल्ली हाई कोर्ट के जज एस मुरलीधर का तबादला
- देर रात राष्ट्रपति भवन ने जारी कि इसकी सूचना
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर ने दिल्ली हिंसा पर दुख जताते हुए कहा था कि फिर से हम 1984 नहीं होने देंगे । जस्टिस एस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिस के कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए आला अधिकारियो को भडकाऊ भाषणों की विडियो देखने को कहा था और ये भी पुछा कि अभी तक इन लोगों पर एफ आई आर क्यों नही हुई । बताते चले कि भाजपा नेता कपिल मित्रा के भाषण के बाद सीएए समर्थक और सीएए विरोधीयो के बीच पथराव शुरु हो गये थे । भाजपा नेता कपिल मित्रा का ये विडियों सोशल मिडिया पर खुब वायरल हुआ था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियो से ये सवाल किया कि इतना भडकाउ भाषण पुलिस के सामने होता हैं। और पुलिस कुछ भी एक्शन नही लेती हैं। तो अधिकारियो का कहना था कि हमने वो विडियों नही देखा हैं। इस पर कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को भडकाऊ भाषणों के विडियो को देखने का निर्देश दिया तथा अगले दिन कोर्ट मे जबाब दाखिल करने को कहा इसी बीच जस्टिस एस मुरलीधर का दिल्ली हाई कोर्ट से तबादला हो जाना कितना सही हैं। इसका तो पता नही पर दिल्ली हिंसा को रोकना सबका प्रथम दायित्व होना चाहिए, ये बहुत ही भयानक और डरावना हैं। अभी तक 22 लोगो के मारे जाने की पुष्टि पुलिस ने कर दी हैं।