बदलती लाइफ स्टाइल और असमय खान पान से मधुमेह की बीमारी अजकल बहुत तेजी से फ़ैल रही है , डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे कंट्रोल करने के लिए आपके खानपान का सही होना बहुत जरूरी है। सुबह का ब्रेकफास्ट तो बिल्कुल भी नहीं भुलना चाहिए. इसके साथ-साथ खाने की समय भी सही रखना चहिये, नियमित व्यायाम से आप अपने आप की इन सब बिमारियों से दूर रख सकते है , मधुमेह व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जिससे उसे कई तरह की परेशानियां होती हैं।
हाई ब्लड शुगर मरीज के आंतरिक अंगों को बहुत ही नुकसान पहुंचा सकता है और इसकी गंभीर स्थिति में व्यक्ति की जान भी जा सकती है। हमारे प्रकृति में कुछ ऐसी चीजें मौजूद हैं, जो की ब्लड शुगर लेबल को घटाती हैं और डायबिटीज के खतरों से आपको बचाती हैं। आप अगर टाइप 2 डायबिटीज या टाइप 1 डायबिटीज का शिकार हैं तो तिल के बीज आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे।
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नीम का अगर रोजाना सेवन करे तो भी हम ब्लड शुगर लेबल को कंट्रोल कर सकते है, इसकी गोली बनाकर या पीसकर भी इसका सेवन करने से ब्लड शुगर लेबल को कंट्रोल किया जा सकता है |
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प्रोटीन और विटामिन बी का बहुत अच्छा स्रोत है तिल
डायबिटीज रोगियों के लिए तिल के बीज बहुत फायदेमंद होते हैं। आपको बता दे की तिल में प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है इसलिए ये डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर लेबल को बढ़ने नहीं देता है। अगर आप फाइबर वाले आहार का सेवन करते है तो ग्लूकोज शुगर में बहुत धीरे-धीरे घुलता है, जिससे अचानक शुगर लेबल के बढ़ने का खतरा टल जाता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन भी पाया जाता है। सबसे बड़ी बात ये है की तिल में मैग्नीशियम बहुत ज्यादा होता है। और बता दे की डायबिटीज के रोगियों को मैग्नीशियम बहुत फायदेमंद मिनरल है।
आपको बता दें की 100 ग्राम तिल में लगभग 350 मिलीग्राम मैग्नीशियम होता है। डायबिटीज के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना । इसका कारण यह है कि व्यक्ति के खून में घुला हुआ शुगर छनकर पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाना चाहता है, इसी कारण व्यक्ति को बहुत जल्दी-जल्दी पेशाब आती है। और बार-बार पेशाब आने के कारण शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर व्यक्ति का रक्त प्रवाह प्रभावित होता है।
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तिल में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। प्रोटीन और विटामिन बी का बहुत अच्छा स्रोत है तिल, 3 चम्मच तिल में 5 ग्राम तक प्रोटीन होता है। प्रोटीन्स हमारे शारीर के मसल्स बनाने तथा हार्मोन्स के उत्सर्जन और पाचन के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसके साथ ही तिल में अलग-अलग विटामिन बी भी भरपूर मात्रा में होते हैं।
डायबिटीज के रोगी कैसे खाएं तिल
- डायबिटीज रोगी अपने आहार में तिल को कई तरह से शामिल कर सकते हैं
- आप चाहें तो इसके बीज को हल्की आंच में भूनकर खा सकते है
- तिल के भूने हुए बीज को आप छांछ, दही या सलाद के साथ सेवन कर सकते है
- आप इसको पीसकर आटे में मिलाकर गुथ ले इसकी रोटियां या पराठे बना के सेवन कर सकते है
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