GVK Group ऑफ कंपनीज के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा रेड्डी तथा उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी और कंपनी के प्रमोटर के कई ठिकानों (9-12) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) टीम ने छापेमारी की। यह सारी कार्रवाई मुंबई तथा हैदराबाद में कृष्णा रेड्डी और उनके बेटे और रिश्तेदारों के घर और उनके दफ्तरों पर की गई। इन दोनों के खिलाफ जून में सीबीआई ने एफआईआर भी दर्ज की थी। GVK Group पर मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डेवलपमेंट में 705 करोड़ रुपए की बड़ी हेराफेरी का आरोप है।
सीबीआई की एफआईआर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कुछ अफसरों, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, GVK एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड समेत 9 प्राइवेट कंपनियों के भी नाम हैं। इससे पहले सीबीआई ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और GVK रेड्डी के मुंबई और हैदराबाद स्थित ठिकानों समेत 6 जगहों पर तलाशी की थी।
GVK एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और कुछ विदेशी कंपनियों ने जॉइंट वेंचर में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) के नाम से कंपनी बनाई थी। तथा इसके 50.5% शेयर GVK के पास और 26% एएआई के पास हैं। एएआई और एमआईएएल के बीच 2006 में एग्रीमेंट हुआ था कि मुंबई एयरपोर्ट को एमआईएएल चलाएगी और सालाना रेवेन्यू का 38.7% एएआई को फीस के तौर पर देगी। बाकी रकम एयरपोर्ट के मॉडर्नाइजेशन, ऑपरेशन और मेंटेनेंस में खर्च की जाएगी।
एफआईआर रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने 2012 से 2018 के बीच मुंबई एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के नाम पर ये घोटाला किया। GVK ग्रुप ने एमआईएएल के सरप्लस फंड में से 395 करोड़ रुपए अपनी दूसरी कंपनियों में लगाए। एमआईएएल के मुंबई बेस्ड होने के बावजूद सरप्लस फंड को हैदराबाद के बैंकों में रखा। इस हेराफेरी के लिए बोर्ड मीटिंग का फर्जी प्रस्ताव तैयार किया गया। दूसरी ओर फर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिखाकर 310 करोड़ की हेराफेरी की गई।