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पाँच दिवसीय गंगा यात्रा का शुभारम्भ 27 जनवरी को बलिया और बिजनौर से, योगी सरकार निकालेगी गंगा यात्रा

  • उत्तर प्रदेश के बलिया से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल करेगी शुभारम्भ
  • गंगा यात्रा 27 जनवरी से 31 जनवरी तक चलेगा
  • बलिया के दूबे छपरा से होगी गंगा यात्रा प्रारम्भ
  • बिजनौर से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ यात्रा को दिखायेगे हरी झंडी

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आज 27 जनवरी 2020 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल गंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर प्रारम्भ करने वाली है। यात्रा को बलिया जिले के दूबे छपरा से राज्यपाल के द्वारा हरी झंडी दिखाई जायेगी। राज्यपाल सुबह के 9.30 बजे दूबे छपरा से गंगा यात्रा को प्रारम्भ करने वाली है। यात्रा प्रारम्भ स्थल पर यानी दूबे छपरा मे पहले गंगा आरती का कार्यक्रम होगा, इसके बाद यात्रा को हरी झंडी दिखाई जायेगी। गंगा आरती के लिए वहाँ पर सांसद , विधायक और मंत्री रहेगे, इनके साथ साथ कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल का संबोधन भी होगा।

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गंगा यात्रा से लोगो को गंगा के महत्व और उसकी विशेषता के बारे मे बताने और गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सहयोग करने की अपील सरकार के द्वारा जनता से किया जायेगा । गंगा यात्रा के माध्यम से लोगों को गंगा को अविरल करने तथा उसके साथ ही सरकार की नमामि गंगे को सहयोग करने के साथ स्वच्छता के लिए प्रेरित करने का काम किया जायेगा।

गंगा य़ात्रा प्रदेश के 27 जिलों की 86 विधान सभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। इसी यात्रा का प्रारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ उत्तर प्रदेश के बिजनौर से करगे । बिजनौर मे योगी जी के साथ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत मौजूद रहेगे। तो बलिया मे माननीय राज्यपाल आंनदी बेन पटेल के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री महेन्द्र सिह के साथ केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय रहेगे। ये यात्रा बलिया से चलकर कानपुर मे समाप्त होगी। इस यात्रा के दौरान 27 जिलो के प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहेगे।

इस यात्रा से लोगो के बीच गंगा को स्वच्छ बनाये रखने  और उसके धारा को अविरल बनाने के लिए संकल्प लेने को कहा जायेगा। जिससे गंगा को स्वच्छ बनाने मे सरकार को सहयोग मिल सके । क्यों कि बिना जनता के सहयोग के गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाना बहुत ही मुश्किल काम है, इसमे यदि जन मानस का सहयोग होता है, तो ये बहुत ही जल्द सम्भव होगा कि गंगा स्वच्छ और अविरल

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