आगरा: पारिवारिक मतभेदों, खींचतान और कलह के बीच अखिलेश यादव फिर दोबारा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुने गए. पार्टी के अध्यक्ष चुने के बाद अखिलेश यादव ने यह कहा की उनको अपने पिता मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद हासिल है. आपको बता दें की आगरा में चल रहे सपा के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादब को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया. इस से पहले जनवरी 2017 को लखनऊ में हुए समजवादी पार्टी के सम्मलेन में मुलायम सिंह यादव के जगह अखिलेश को सपा का अध्यक्ष बनाया गया था.
अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनने की घोषणा राम गोपाल यादव ने किया. सम्मलेन से पहले यह सुचना थी की पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी उपस्थीत होंगे लेकिन मुलायम सिंह और शिवपाल दोनों ही इस सम्मलेन शामिल नहीं हुए .
अखिलेश यादव ने ये कहा की आज सुबह ही नेता जी (पिता मुलायम सिंह यादव) से फ़ोन पे बात हुई. उन्होंने मुझे आशीर्वाद भी दिया. हमने उन्हें बुलाया भी था लेकिन वो अभी नहीं आये. इस सम्मलेन में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भी एस सम्मलेन से किनारा किया था.
इस सम्मलेन में अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर तीखी टीपणीया की. उन्होंने ये भी कहा की आगरा हमारे लिए शुभ है. और आगे आने वाले समय में हम और मजबूत होंगे. केंद्र पर हामला बोलते हुए उन्होंने कहा की अच्छे दिन की बात करने वाले लोगो से किसान से लेके सभी वर्ग के लोग परेशान है, युवाओ को नौकरियां नहीं मिल रही है. हम लोग मिल के भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करेंगे. अखिलेश यादव ने जीएसटी और नोटबंदी पर भी जमकर हमला बोलते हुए कहा की नोटबंदी ने देश में आर्थिक संकट पैदा कर दिया है व्यापारी वर्ग के लोग जीएसटी जिस तरीके से लागू की गयी है उससे परेशान है.
अखिलेश यादव के दोबारा अध्यक्ष बनाने के साथ भी यह तय हो गया है की 2019 का लोकसभा चुनाव तथा 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव इन्ही के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को बनाना महज़ एक औपचारिकता ही थी. क्योंकि दूर-दूर तक पार्टी में ऐसा कोई दमदार मेम्बर नहीं है. समाजवादी पार्टी के अधिवेशन में 15,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.