कटक: ओड़िशा में पुलिस ने बुधवार को CBI अधिकारियों के एक दल के खिलाफ बिनाधिकार प्रवेश का एक मामला दर्ज किया है, जिसमें तलाशी और छापामारी के लिये मंगलवार की देर रात उड़ीसा उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश के घर में कथित तौर पर जबरन घुसने का प्रयास किया गया था. इसकी जानकारी मीडिया को देते हुए ट्विन सिटी के पुलिस आयुक्त वाई बी खुरानिया ने कहा कि वर्तमान न्यायाधीश के यहाँ तैनात सुरक्षा गार्ड के द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर उड़ीसा के कैंटोनमेंट थाने में आईपीसी की धारा 448, धारा 353 धारा 511 तथा धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है जो की घर में अनाधिकार प्रवेश, लोकसेवक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना तथा समान आशय है.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया की थाने के प्रभारी को मामले की सभी जांच की जिम्मेदारी सौंपी दी गई है.’ उन्होंने ये भी बताया कि CBI के अधिकारी स्थानीय थाने तथा न्यायाधीश के आवास पर तैनात सुरक्षा गार्ड को छापेमारी करने के लिये कोई तलाशी वारंट दिखाने में असक्षम थे. खुरानिया ने यह भी जानकारी दी कि उच्च न्यायालय के किसी भी न्यायाधीश के आवास पर छापेमारी करने के उद्देश्य के लिये किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रिया का भी इस मामले में कोई भी पालन नहीं किया गया.
CBI ने बुधवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में ओड़िशा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की एवं आठ जगहों पर छापेमारी भी की. CBI के एक प्रवक्ता ने यह बताया कि सेवानिवृत न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दूसी जो की 2004 से 2010 तक ओड़िशा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके है, के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है . उनके अलावा प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बी. पी. यादव तथा पलाश यादव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.