नई दिल्ली: भारत में हो रहे फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में खेल रहे जैक्सन सिंह थौना ओजाम ने कल सोमवार को हो रहे एक मैच में कोलंबिया के खिलाफ गोल दागकर अपने नाम ये रिकॉर्ड कर लिया है. जैक्सन सिंह पहली बार किसी भी स्तर के फीफा वर्ल्ड कप में गोल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. वैसे बता दे की भारत भी पहली बार FIFA U17 World Cup में क्वालीफाई हुआ है.
कल भारत की मेजबानी में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेला जा रहा मैच काफी रोमांचक मोड़ पर था. तभी भारत के जैक्सन सिंह ने अपनी ओपोजिट टीम के खिलाफ खेल के 82 वें मिनट में गोल दागकर 1-1 से बराबरी कर ली. इस गोल के बाद ही कोलंबिया टीम दबाव में आ गई. पेनालोसा की ओर से किए गए इस मैच में दो गोलों की बदौलत कोलंबिया टीम ने यहां फीफा अंडर17 वर्ल्डकप के संघर्षपूर्ण मुकाबले में भारत की टीम को 2-1 से हरा दिया पेनालोसा ने ठीक 83वें मिनट में एक और गोल करते हुए अपनी टीम को 2-1 से जीत दिला दी. शुरुआती 10 मिनट के इस खेल में गेंद पर कोलंबियाई टीम का ही ज्यादा देर तक कब्ज़ा रहा.
भले ही इसमें भारत की ये लगातार दूसरी हार जरूर हुई लेकिन इसी बीच भारतीय टीम के मणिपुर का एक सितारा भी चमका जिससे भारत को आगामी मैचों में सभी को बहुत उम्मीदें हैं.भारत अपना पहला मैच अमेरिका की टीम से हर चूका है. भारत को अपने पहले मुकाबले में अमेरिका से 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था
जैक्सन सिंह का मणिपुर के थोउबल जिले के हाओखा ममांग गांव में इनका जन्म हुआ है जैक्सन के लिए यहां तक का सफ़र कोई आसान बात नहीं थी. आपको ये बता दें की जैक्सन के पिता कोंथुआजम देबेन सिंह को सन 2015 में ही लकवा मार गया और उन्हें अपनी मणिपुर पुलिस की नौकरी भी छोड़नी पड़ी. और परिवार के खर्च का सारा बोझ मां के ऊपर आ गया था. वे रोज अपने घर से 25 किलोमीटर दूर मणिपुर की राजधानी इम्फाल के ख्वैरामबंद बाजार में जाकर सब्जी को बेचती और उससे अपने घर का खर्च चलातीं थी. वे अपने दोनों बेटों को खेल के लिए हमेशा से ही प्रोत्साहित करती रहतीं थी ये इसलिए ऐसा करती थी क्योंकि वे भी बॉस्केट बॉल प्लेयर रही थीं और खेल के सारे अहमियत को वो अच्छी तरह से समझतीं थीं. जैक्सन सिंह दो भाई है उनके बड़े भाई जोनिचंद सिंह जो की कोलकाता प्रीमियर लीग में पीयरलेस क्लब के लिए खेलते हैं.
जैक्सन सिंह के पिता देबेन वह भी हरफनमौला खिलाड़ी थे. वे मणिपुर के कुछ क्लब्स के लिए भी उन्होंने फुटबॉल खेला था. जैक्सन सिंह के पिता ने ही भारतीय अंडर-17 टीम के कप्तान अमरजीत सिंह कियाम को शुरुआती ट्रेनिंग दी थी. इसके बाद में जैक्सन को चंडीगढ़ के एक फुटबॉल एकेडमी में भेजा गया और यहां उन्होंने अपने फुटबॉल की काफी बारीकियां सीखीं. वो कुछ समय तक के लिए चंडीगड़ एकेडमी के लिए खेले और फिर यहां से मिनर्वा FC में शामिल हो गए. जैक्सन सिंह का सपना था की वह विश्व कप में भारत की जर्सी पहनेंगे और देश के लिए ट्रॉफी जीतेंगे. वैसे इस मैच में हार जाने से भारत का इस टूर्नामेंट से बाहर होना लग भग तय ही माना जा रहा है