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निर्भया कांड आखिर 7 साल के बाद मिला न्याय

7 साल के लम्बे इंतजार के बाद निर्भया के दोषियों को सजा मिल ही गयी अतिरिक्त सेशंस जज सतीश कुमार अरोडा ने मंगलवार यानी 7 जनवरी 2020 को चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारन्ट जारी कर दिया । इसमें अक्षय कुमार सिंह (31 वर्ष) मुकेश (32 वर्ष) पवन गुप्ता (25 वर्ष) विनय शर्मा (26 वर्ष) सामिल हैं । चारों दोषियों को फाँसी 22 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजे तिहाड जेल स्थित जेल नम्बर 3 में दी जायेगी । 16 दिसम्बर 2012 की रात को 23 वर्षीय पैरामेडिकल की छात्रा  निर्भया अपने एक दोस्त के साथ साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी माल में फिल्म देखने गयी थी उसी रात जब वो अपने दोस्त के साथ फिल्म देख कर लौट रही थी तभी उसके साथ दरिन्दगी हुई थी । उसके साथ इतनी भयंकर तरीके से दरिन्दगी हुई थी कि उसे देख कर डाक्टर की भी रुह कांप गयी थी । उसके दोस्त को मारकर पिट कर बसंत विहार की झाडीयों मे फेंक दिया गया था । डांक्टर ने बताया कि लडकी हालत मे सुधार के लिए दिन रात लगे रहे लेकिन उसकी हालत लगातार गिरती ही जा रही थी । निर्भया की हालत न सुधरने की स्थिती मे उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया । लेकिन उसकी स्थिती मे सुधार नहीं हो रहा था जिसके बाद उसे सिंगापुर स्थित माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल मे भर्ती कराया गया । लेकिन यहाँ भी उसकी स्थिती में सुधार नहीं हुआ और वो 29 दिसम्बर 2012 को इस दुनिया को छोड कर चली गयी ।

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आखिर क्यों इतना समय लग गया निर्णय आने में ?

हमारे यहाँ न्याय प्रक्रिया इतनी लम्बी चलती है कि कभी कभी तो दोषी स्वंय ही अपनी मौत मर जाता है या फिर वो इतन बुढा हो जाता है कि उसे सजा देने का कोई मतलब नहीं रह जाता है इस केस मे भी एक दोषी ने आत्म हत्या कर ली । इसके बाद अब केवल चार दोषी बचे है जिनको 22 जनवरी 2020 को तिहाड जेल मे फाँसी पर लटकाया जायेगा । इसके लिए बक्सर के जेल से रस्सी मगवायी जाती है । इस साल बक्सर जेल मे 11 रस्सीयों के लिए मगाया गया हैं। निर्भया के दोषीयों को फाँसी देने के लिए मेरठ से जल्लाद को बुलाया गय़ा हैं।

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