जदयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी ने सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को अपने बयान में विष कन्या कहा है। बिहार के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि रिया चक्रवर्ती को साजिश के तहत सुशांत के पास भेजा गया था। उसको सुपारी मिली थी, मंत्री महेश्वर हजारी ने ये भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में देशभर से प्रतिभावान लड़के-लड़कियां जाते हैं, वहां की गैंग ऐसे लोगों के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश करती हैं, रिया चक्रवर्ती को एक साजिश के तहत सुशांत के पास भेजा गया था ‘रिया चक्रवर्ती ने भी एक सुपारी किलर की तरह काम किया, सुशांत सिंह को अपने प्यार के जाल में फंसाकर इस घटना को अंजाम दिया। बिहार की सरकार सुशांत के परिजन और उसके करोड़ों फैन्स को सही न्याय दिलाना चाहती है’रिया ने अपने प्यार के जाल में फंसाकर सुशांत के साथ जो किया वह बहुत बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। कैसे कोई किसी पर विश्वास करेगा।
बिहार पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है। मैं आपको बता दूँ जो कह रहा हूं वही सच सामने आएगा। ऐसा कई प्रतिभावान लड़के-लड़कियों के साथ ऐसा हुआ है। हमारी बिहार की सरकार सुशांत सिंह के परिजन और उनके करोड़ों फैन को न्याय दिलाना चाहती है। इसके लिए हम CBI जांच के भी पक्षधर हैं। इस मामले की जांच CBI से होनी चाहिए तभी सच सामने आएगा। आपको बता दें की महराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने एक ट्वीट में उन्होंने सुशांत केस की जांच सीबीआई से जाँच कराने की मांग की है। उन्होंने लिखा है की, ‘प्रवर्तन निदेशालय को अपनी जांच मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी शुरू कर देनी चाहिए।’फडणवीस ने CBI जांच पर जनभावनाओं पर राज्य सरकार की अनदेखी की भी आलोचना की है। आपको बता दें की इससे पहले भी चिराग पासवान समेत कई और लोग भी सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं।
बिहार में वकील पवन प्रकाश पाठक और गौरव कुमार ने भी इस संबंध में एक लेटर पिटीशन पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेज दी है। जिसमे कहा गया है कि मुंबई पुलिस और पटना पुलिस की जांच में कोई तालमेल नहीं है। यहां दुर्भाग्य से मुंबई पुलिस मामले की जांच में बिहार पुलिस की कोई मदद नहीं कर रही है। सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच करने पहुंची बिहार पुलिस की टीम को मुंबई की पुलिस से ज्यादा सहयोग नहीं मिल रहा है। बिहार पुलिस की टीम ऑटो में घूम-2 कर लोगों के बयान दर्ज कर रही है। इसलिए CBI जैसी किसी स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में CBI जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।