फ्रांस भारत को पहले 5 फाइटर प्लेंस रवाना कर रहा है जो भारत 29 जुलाई को 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर अंबाला एयरवेस पहुंचेंगे . फाइटर प्लेन की रिफिलिंग air-to-air होगी.सभी प्लेनों को यूएई में पायलट को आराम देने के लिए रोका जाएगा .रसेल के आने से भारतीय सेना में ताकत का इजाफा होगा.
कोरोना महामारी के चलते रफेल आने में समय लग रहा है. रफेल के सारे फाइटर प्लेन 2021 तक आने की संभावना है. रफेल के पांचों जहाजों को अंबाला एयर बेस पर तैनात किया जाएगा. इस एयर बेस से पाकिस्तान और चीन की सीमा पर निगरानी रखी जाएगी. यह जहाज आधुनिक उपकरणों से लैस है इस जहाज. से परमाणु हमला किया जा सकता है. इस जहाज में सुपर कंप्यूटर या हम कह सकते हैं आधुनिक तकनीकी की वजह से पायलट को चलाने में बहुत ही आसानी होगी. किसी भी हमला या मिसाइल को या जहाज 100 किलोमीटर की रेंज से भागता है और उसे डिलीट करने की क्षमता रखता है यह झगड़ा में नहीं आता है इसे किसी भी रडार में पकड़ना बहुत मुश्किल काम है.
रफेल पावरफुल इंजन के साथ आधुनिक हथियारों के साथ लैस है. यह एक बार में सारे 9000 किलोग्राम तक का वजन ले जा सकता है. फाइटर प्लेन में अब चल रहा है जो इतनी आसानी से जाम नहीं होता. और इस जहाज में लगे उपकरण स्पेक्ट्रा की वजह से या विरोधी जहाजों को बहुत ही आसानी से ट्रैक कर लेता है और उन पर हमला भी कर सकता है.
भारतीय वायुसेना की घागरे पर इस जहाज को और अधिक पावरफुल बनाया जा रहा है इमरजेंसी में आर्डर दिए गए इसमें इस जहाज में हेमा मिसाइल से लैस करवाया जा रहा है जो फ्रांस ने किसी और के ऑर्डर से इसमें लगाने का दावा किया है हेमल मिसाइल लद्दाख और पहाड़ी जैसी एरिया में अधिक से अधिक मजबूत बनकर को तोड़ने में या उस को तबाह करने में सक्षम है भारतीय सेना ने कुल 36 विमानों की डील की थी जिसमें से यह पहले पास जहाज इस महीने के आखरी तक आ जाएंगे. 5 अप्रैल फाइटर जेट की तैनाती भारतीय एयर बेस अंबाला पर होगी