बिकरू पुलिस हत्याकांड के आरोपी विकास दुबे किसके बारे में यूपी पुलिस टास्क फोर्स कुछ नई जानकारी मिली है. उस जानकारी के अनुसार यूपी पुलिस पंजाब राज्य में पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही है. दरअसल बात किया है विकास दो अपने हत्यारों को पंजाब में मॉडिफाई कराया करता था. या जानकारी यूपी पुलिस के स्टेप एसटीएफ फोर्स को को मिली. इस जानकारी के मुताबिक एक टीम के दो लोग हैं जिन्होंने विकास दुबे की राई फलों को मॉडिफाई किया था. पुलिस की जांच पड़ताल के मुताबिक पंजाब के एक ग्रामीण के बारे में भी जानकारी मिली है उस गांव में राइफल को मॉडिफाई किया जाता है. मिली जानकारी के मुताबिक एसटीएफ की टीम उन दो लोगों की तलाश में पंजाब में जांच पड़ताल कर रही है.
एसटीएफ टीम के अनुसार बिकरू कांड के दौरान विकास के गिरोह ने जिन हथियारों से हमला किया था वह हथियार पुलिस ने अपने कब्जे में कर लिए थे. उन हथियारों को फॉरेंसिक लैब में जांच की गई जिससे पता चला वह हथियार सेमी ऑटोमेटिक सेल्फ लोडेड और स्प्रिंग राइफल थी. यह राइफल सिंगल शॉट राइफल थी. जांच में पता चला कि इन हथियारों को मॉडिफाई कराया गया था.और यह हथियार पंजाब में मॉडिफाई किए गए थे. इस सूचना के बाद पूर्व एसपी दिनेश कुमार जी ने पंजाब में एक टीम भेजकर एसटीऐफ के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लुधियाना के ग्रामीण क्षेत्र में इन राइफल को मॉडिफाई कराने की जानकारी हाथ लगी. विकास के पास जो राइफल बरामद हुई थे उनको मॉडिफाई कराने वाले दो संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी मिली है या दोनों ही व्यक्ति इस इलाके के रहने वाले हैं. पुलिस इन पर निगरानी बनाए हुए हैं यह जल्दी पकड़े जाएंगे पुलिस के मुताबिक इन दोनों को पकड़े जाने के बाद काफी जानकारी हाथ लग सकती है
विकास ने पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद अपने सभी हथियारों को छुपाने की कोशिश की थी. पुलिस को यह हथियार गांव के कुएं और जंगलों से बरामद हुए थे. अब वह हथियार पुलिस की गिरफ्त में है. विकास के पास इतनी हथियार कहां से आए इसी की जांच चल रही है दूसरी ओर पुलिस विकास के संपत्ति के बारे में भी जांच कर रही है. विकास दुबे के पास आपराधिक तरीके से कमाई हुई प्रॉपर्टी बैंक बैलेंस था साथ ही. कई रिश्तेदारों को भी इसमें शामिल किया था उनके नाम पर प्रॉपर्टी और रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियां चला रहा था. इन सभी पर पुलिस काम कर रही है.
एसआईटी को इस केस की जांच की रिपोर्ट को जमा करने के लिए के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया था. एसआईटी की टीम को अपर मुख्य सचिव संजय आर. भुसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित किया गया था. डीजीएचआर शर्मा और डी .आई. जी जे. रविंद्र गॉड भी थे. एसआईटीकी टीम विकास दुबे और उसके सभी करीबियों की संपत्ति को लेकर जांच कर रही है पिछले कई दिनों से कानपुर, लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद अन्य जगह रह रहे विकास के करीबियों पर निगरानी बनाए हुए हैं. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कुल 57 करीबियों की लिस्ट बनाई है. विकास के बैंक के लोगों और उसके करीबियों के पास काफी संपत्ति है इनमें से कुछ लोगों के पास देश के बाहर भी बेनामी संपत्ति है पुलिस इन सब की जांच कर रही है