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FPO लिस्टिंग के बाद Yes Bank के शेयर में भारी गिरावट, लगा 10 फीसदी का लोअर सर्किट

Yes Bank के शेयरों में लगातार कच दिनों से गिरवट देखि जा रही है, आपको बता दें की 15 जुलाई से येस बैंक के FPO के लिये ऑफर स्टार्ट किया था जिसका अंतिम दिनांक 17 जुलाई था, जिसे कोई भी ट्रेडर अपना येस बैंक के FPO के लिए आर्डर लगा सकता था, जिसकी लिस्टिंग तारीख 27 जुलाई थी, सोमवार बाज़ार खुलते ही येस बैंक के FPO शेयरों की लिस्टिंग के बाद खरीद-फरोख्त शुरू हुई. Yes Bank के शेयर की कीमत उसके FPO के कीमत का करीब पहुँच गए है, येस बैंक के FPO की कीमत 12 रुपये – 13 रुपये के बिच था, जिसकी कम से कम क्वांटिटी 1000 थी, जी को लगभग ट्रेडर्स को १२ रूपए के हिसाब से कीमत एलाट हुआ है, आज Yes Bank के शेयर की कीमत भी उसके FPO करीब तक आ गई है. जी की मार्किट खुलते ही 12.30 रूपए तक पर पहुचने के साथ ही इसमें 10 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया. बाजार खुलते ही येस बैंक के FPO शेयरों की लिस्टिंग के बाद खरीद-फरोख्त शुरू हुई. इससे येस बैंक की शेयर में भारी गिरावट आ गई

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पिछले शुक्रवार को Yes Bank का शेयर 13.65 रुपये पर बंद हुए थे. सोमवार को येस बैंक के शेयर खुले और थोड़ी ही देर में धड़ाम होकर 12.30 पर पहुंच गए. इसके बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट भी लग गया और इसमे कारोबार रोक दिया गया. आपको बता दें की इस साल येस बैंक के शेयर में अभी तक 74 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

BSE के मुताबिक Yes Bank ने यह जानकारी दी है कि कोई अमेरिकी निवेशक Tilden Park के नियंत्रण वाली कंपनी Bay Tree India को येस बैंक के 187.5 करोड़ शेयर एलॉट किए गए हैं यानी करीब 7.48 फीसदी हिस्सेदारी दी गई है.

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आपको बता दें की जब भी शेयर बाजार में 10 फीसदी या उससे अधिक की गिरावट की स्थिति में लोअर सर्किट लगता है और ट्रेडिंग को रोक दी जाती है. इसका मतलब ये हुआ कि इस दौरान शेयर बाजार में किसी भी तरह का कारोबार नहीं होता है. स्‍टॉक एक्‍सचेंज के नियमों के मुताबिक दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग अवधि के लिए बाजार बंद होते हैं. नियम के मुताबिक 1 बजे से पहले पहला लोअर सर्किट 45 मिनट का लगता है. शेयर बाजार को भारी गिरावट से बचाने के लिए लोअर सर्किट लगाया जाता है. इसका मकसद निवेशकों के निवेश को सुरक्षित रखा होता है. येस बैंक के FPO को आम निवेशकों ने बहुत पसंद नहीं किया. संस्थागत निवशकों ने किसी तरह बैंक की इज्जत बचाई और इसका FPO 95 फीसदी सब्सक्राइब हुआ. बैंक को 15 हजार करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 14,267 करोड़ रुपये ही मिल पाए.

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